शुक्रवार, 4 दिसंबर 2015

१२१

झरे पनी गगन ,चुक्दैन नेपाली
सास रहे सम्म  लुक्दैन नेपाली
सकुनजेल गर नाकाबन्दी तिमी
शत्रु संग कहिल्यै झुक्दैन नेपाली

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