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मंगलवार, 5 मई 2015
मुक्तक ४३ जीवन
मरे पछि लाश रहेछ जीवन
बाचे सम्म आस रहेछ जीवन
जन्म मृत्यु बिचको यो यात्रा
दुई मुठ्ठी सास रहेछ जीवन
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