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शुक्रवार, 22 मई 2015
६१
जिन्दगी धिकार छ, तलाई
दुख पिडा श्रृगार छ तलाई
हास्न जानीनस हसाउन सकिनँ ..!
हर पल आशु उपहार छ तलाई
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