बुधवार, 6 मई 2015

मुक्तक ४७ सरोकार

ठुला महल संग मलाई के को सरोकार
कसैको रहर संग मलाई के को सरोकार
    म' आफ्नै झुपडीमा ,आन्नदीत छु
कसैको खबर देखि मलाई के को सरोकार

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